cheteshwar pujara 2025 | पुजारा के संन्यास की तारीख और कारण ?
परिचय: एक युग का अंत
24 अगस्त 2025 को, भारतीय क्रिकेट के एक स्तंभ चेतेश्वर पुजारा ने सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। 37 वर्षीय पुजारा ने 103 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और अपनी अदम्य संयमशील बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट में एक अमिट छाप छोड़ी। उनका संन्यास न केवल एक खिलाड़ी की विदाई है, बल्कि क्रिकेट की उस शैली का अंत है जहाँ धैर्य और तकनीक को सबसे ऊपर स्थान दिया जाता था ।
पुजारा के संन्यास की तारीख और कारण
अंतिम टेस्ट मैच: जून 2023, WTC फाइनल (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) ।
संन्यास की घोषणा: 24 अगस्त 2025 ।
कारण: लगातार खराब प्रदर्शन और युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता देने की BCCI की नीति। 2023 के WTC फाइनल के बाद उन्हें टीम में नहीं चुना गया था ।
🧓 उम्र और व्यक्तिगत जीवन
पुजारा का जन्म 25 जनवरी 1988 को राजकोट, गुजरात में हुआ। उनके पिता अरविंद पुजारा और चाचा बिपिन पुजारा रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी रहे। 17 वर्ष की उम्र में उनकी माँ का कैंसर से निधन हो गया, जिसके बाद उनके पिता ने उनके क्रिकेट प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रतिदिन हज़ारों गेंदों का अभ्यास करके अपनी तकनीक विकसित की ।
🏏 टेस्ट करियर: संख्याओं और उपलब्धियों का सफर
पुजारा का टेस्ट करियर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हुआ। उन्होंने राहुल द्रविड़ के बाद भारत की नंबर 3 की भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया। प्रमुख आँकड़े:
कुल रन: 7,195 (औसत 43.60) ।
शतक/अर्धशतक: 19/35 ।
सर्वोच्च स्कोर: 206* ।
भारत के लिए 8वें सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी ।
यादगार पल:
2018-19 ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला: 521 रन और 3 शतकों के साथ भारत की पहली ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका ।
2020-21 ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला: शरीर पर चोटें सहकर भी ड्रॉ कराने वाली पारियाँ खेलीं ।
इंग्लैंड में संघर्ष: 16 टेस्ट में 870 रन (सर्वोच्च 132) ।
पुजारा अब टेस्ट क्यों नहीं खेल रहे?
फॉर्म में गिरावट: 2023 WTC फाइनल में खराब प्रदर्शन (27 रन) ।
युवाओं को प्राथमिकता: BCCI ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास के बाद युवा खिलाड़ियों पर ध्यान देना शुरू किया ।
आलोचना: धीमी स्ट्राइक रेट (44.37) को लेकर आलोचना होती थी, जो आधुनिक क्रिकेट के अनुकूल नहीं मानी जाती ।
🏠 घरेलू और काउंटी क्रिकेट में योगदान
पुजारा ने सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट में अथक प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने इंग्लिश काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स का प्रतिनिधित्व किया और 2023-24 सीज़न में शानदार प्रदर्शन किया:
2023: 8 मैचों में 649 रन (3 शतक) ।
2024: 6 मैचों में 501 रन (2 शतक) ।
इसके बावजूद, भारतीय टीम में वापसी का मौका नहीं मिला।
🌟 विरासत: टेस्ट क्रिकेट का अंतिम पुरोधा
पुजारा को "आधुनिक युग का महान टेस्ट बल्लेबाज" माना जाता है। उनकी शैली आक्रामक क्रिकेट के विपरीत थी, लेकिन उन्होंने साबित किया कि टेस्ट क्रिकेट में धैर्य और तकनीक की अहमियत अब भी है। विराट कोहली के युग में भी, पुजारा की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण थी 12।
तुलना:
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ औसत: पुजारा (49.38) vs द्रविड़ (38.67) ।
विदेश में जीत में योगदान: पुजारा का औसत (43.47) कोहली (40.57) से बेहतर ।
✅ निष्कर्ष: एक शांत विदाई
पुजारा ने बिना किसी भव्य समारोह के संन्यास लेकर अपनी विनम्र छवि को बरकरार रखा। उन्होंने कहा: "भारतीय जर्सी पहनना और राष्ट्रगान गाना शब्दों से परे था। लेकिन हर अच्छी चीज़ का अंत होता है" । आगे वह कमेंट्री और अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं
पुजारा के टेस्ट करियर का सारांश (तालिका)
पैरामीटर | आँकड़ा |
---|---|
कुल मैच | 103 |
कुल रन | 7,195 |
औसत | 43.60 |
शतक/अर्धशतक | 19/35 |
सर्वोच्च स्कोर | 206* |
गेंदें खेलीं | 16,217 |
कैच/स्टंप | 66/0 |
विशेषज्ञ राय:
सांदीप जी (इंडियन एक्सप्रेस): "पुजारा ने टेस्ट बल्लेबाजी की कला को फिर से परिभाषित किया। वह कोहली के युग के उतने ही हीरो थे, जितने खुद कोहली" ।
ईएसपीएन: "उनका संन्यास टेस्ट क्रिकेट के एक युग का अंत है" ।
सन्दर्भ
Cheteshwar Pujara - Wikipedia
ESPN: Pujara Retirement Announcement
India Today: Pujara Retirement Analysis
Cricbuzz: Pujara Profile
MyKhel: Pujara Stats
Republic World: Pujara Retirement
Indian Express: Pujara's Legacy
Mint: Pujara's County Performance
Times Now: Pujara's Full Statement
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