rbi monetary policy | RBI की मौद्रिक नीति 2025: रेपो रेट 5.5% पर स्थिर, ग्रोथ और इन्फ्लेशन के बीच संतुलन भूमिका
RBI की मौद्रिक नीति 2025: रेपो रेट 5.5% पर स्थिर, ग्रोथ और इन्फ्लेशन के बीच संतुलन
भूमिका
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज अपनी त्रैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 3 दिनों तक चली गहन बहसों के बाद, केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.5% पर बनाए रखने का फैसला किया। यह लगातार चौथी बार है जब RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
मुख्य निर्णय
रेपो रेट: 5.5% (स्थिर)
रिवर्स रेपो रेट: 3.5% (स्थिर)
MSF रेट: 6.5% (स्थिर)
नीतिगत रुख: 'विथड्रॉल ऑफ एकोमोडेशन' (स्थिर)
क्यों रुके हुए हैं ब्याज दरें?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि यह फैसला मुख्यतः दो कारकों पर आधारित है:
मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: CPI इन्फ्लेशन अभी RBI के 4% के लक्ष्य से ऊपर 4.8% पर है
वैश्विक अनिश्चितताएं: US फेड की गतिविधियाँ और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
हाउसिंग लोन: EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी
FD निवेशक: ब्याज दरें उच्च स्तर पर बनी रहेंगी
व्यापार जगत: उद्योगपतियों को कर्ज महंगा मिलता रहेगा
RBI की भविष्य की रणनीति
दास ने संकेत दिया कि अगर मुद्रास्फीति 4% के लक्ष्य तक पहुँचती है, तो 2025 के अंत तक रेट कट की गुंजाइश बन सकती है। हालाँकि, अभी RBI की प्राथमिकता मूल्य स्थिरता बनी हुई है।
निष्कर्ष
RBI का यह फैसला दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी 'गोल्डीलॉक्स जोन' में है - न ज्यादा तेज, न ज्यादा धीमी। आने वाले महीनों में वैश्विक स्थितियाँ और खरीफ फसल का रुझान RBI के अगले कदमों को तय करेगा।
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