pm kisan | किसानों की आय बढ़ाने वाली योजना
PM KISAN
Samman Nidhi: किसानों की आय बढ़ाने वाली योजना
किसानों (small and marginal farmers) को अक्सर फसल का सही दाम न मिलना, मौसम की मार,
और कर्ज का बोझ झेलना भारत एक कृषि प्रधान देश है,
जहां 50% से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है। लेकिन छोटे और सीमांत पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए,
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना शुरू की।
इस योजना के तहत,
किसानों को हर साल ₹6,000 मिलते हैं, जो तीन किस्तों (₹2,000 हर चार महीने) में उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं। फरवरी 2025 तक,
इस योजना से 11
करोड़ से ज्यादा किसानों को ₹3.68
लाख करोड़ की मदद मिल चुकी है।
PM-KISAN एक केंद्र सरकार की योजना है,
जिसमें किसान परिवारों को आय सहायता (income support) दी जाती है। यह पैसा किसान खेती के लिए बीज, खाद,
मशीनें खरीदने या घर के जरूरी खर्चों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
योजना के मुख्य बिंदु (Key
Features
हर साल ₹6,000 – तीन किस्तों (₹2,000 x 3) में।
सीधे बैंक खाते में पैसा (DBT) – कोई दलाल नहीं, पैसा सीधे पहुंचता है।
आधार लिंक्ड (Aadhaar-linked) – गलत लाभार्थियों (fake beneficiaries) पर रोक।
विस्तार (Wide Reach) – 19वीं किस्त (Feb 2025) में 9.8 करोड़ किसानों को ₹22,000 करोड़ मिले।
जिन्हें फायदा मिलेगा (Who Can Benefit)
जमीन वाले किसान चाहे छोटी जात के हो।
भारतीय नागरिक गाँव या शहर के किसान।
परिवार पति, पत्नी और बच्चे।
जिन्हें लाभ नहीं मिलेगा (Exclusions)
टैक्स भरने वाले (Income tax payees)।
पेंशन पाने वाले (जिनकी मासिक पेंशन ₹10,000 से ज्यादा हो।
पूर्व/वर्तमान मंत्री, सांसद, विधायक।
ऑनलाइन pmkisan.gov.in पर जाकर फॉर्म भर सकते है ।
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) वहां से भी आवेदन कर सकते है।
जरूरी दस्तावेज (Documents
Needed)
आधार कार्ड (Aadhar
Card)
जमीन के कागजात (Land Records)
बैंक अकाउंट डिटेल्स
किसानों की आय बड़े – छोटे किसानों को खेती में मदद मिलती है ।
कर्ज में कमी – सीधे पैसे मिलने से कर्ज लेने की जरूरत कम हो जाती है।
महिला किसानों को फायदा – जमीन पर नाम होने पर महिलाएं भी लाभ ले रही हैं।
कुछ चुनौतियां (Challenges)
गलत लाभार्थी (Fake
Beneficiaries) कुछ जगहों
पर बिना जमीन वालों को भी पैसा मिल गया।
डिजिटल डिवाइड – गाँव के किसानों को ऑनलाइन आवेदन में दिक्कत।
No comments